Explore

Search

April 12, 2025 7:50 am

April 12, 2025 7:50 am

‘कांवड़ियों की शिकायत पर दिशा-निर्देश किए थे जारी’ : योगी सरकार का SC में जवाब

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ⁠को बताया कि मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है.

कांवड यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नेम प्लेट लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे.  ऐसी शिकायतें मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की. यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं. ⁠मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है. बता दें कि इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है.

हाल ही में इस मामले में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी यूपी और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

 

जानें क्या है पूरा मामला

श्रावण मास सोमवार से शुरू हो गया है. भक्त और श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं. इसी यात्रा के दौरान कई दुकानों और ढाबों से वो खाने का सामान व अन्य चीजें खरीदते हैं. यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकेंय उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया था.

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर