कोई बहुत बड़ा उलटफेर न हुआ तो फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र के दो जिलों फरीदाबाद-पलवल की नौ विधानसभा सीटों में से वर्तमान में भाजपा के चार से पांच विधायकों के टिकट कटना तय माना जा रहा है। इनमें प्रदेश के एक मंत्री भी हैं।
वर्तमान में इन सीटों में से भाजपा का सात सीटों पर कब्जा है। इनमें फरीदाबाद जिले से बड़खल, फरीदाबाद, तिगांव, बल्लभगढ़ सीटों पर 2019 में कमल खिला था। यहां से क्रमश: सीमा त्रिखा, नरेंद्र गुप्ता, राजेश नागर और मूलचंद शर्मा विजयी हुए थे। सीमा त्रिखा व मूलचंद शर्मा लगातार दूसरी बार चुनाव जीते थे।
एनआइटी विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, जहां से नीरज शर्मा चुनाव जीते थे, जबकि पृथला सीट पर भाजपा का टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव में उतरे नयनपाल रावत ने चुनाव जीत कर विधानसभा में प्रवेश पाया था।
पलवल में तीनों सीटों पर खिला था कमल
पड़ोसी जिला पलवल में तीनों सीटों पर कमल खिला था। तब पलवल से दीपक मंगला कांग्रेस के करण सिंह दलाल को, होडल से जगदीश नायर कांग्रेस के उदयभान को और हथीन से प्रवीन डागर कांग्रेस के मोहम्मद इजराइल को हरा कर विधायक बने थे।
अब पिछले दिनों भाजपा द्वारा कराए गए विभिन्न सीटों पर सर्वे के आधार पर यह सामने आया है कि कुछ सीटों पर मौजूदा विधायक दस सालों की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं। कुछ में अलग तरह के समीकरणों के चलते आलाकमान को टिकट काटना पड़ रहा है।
ऐसे में भाजपा सूत्रों से यह पुष्ट जानकारी सामने आई है कि चार से पांच विधायकों के टिकट कट सकते हैं। यह भी जानकारी सामने आई कि एक सीट पर जो पूर्व विधायक दावेदार थे और जहां कभी कमल नहीं खिला है, पर वह भाजपा के हो गए थे, उन्हें टिकट नहीं मिल रहा है।
फ्रेश चेहरों को उतार कर भाजपा का मकसद यह है कि सत्ता विरोधी लहर को कम किया जाए और चुनाव जीता जाए। एक और जानकारी दे दें कि जिले के बेहद चर्चित रहे नेता को टिकट मिल रहा है।फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र के दो जिलों फरीदाबाद-पलवल की नौ विधानसभा सीटों में से वर्तमान में भाजपा के चार से पांच विधायकों के टिकट कटना तय