दिल्ली में शनिवार सुबह घने कोहरे के साथ वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुँच गई। प्रमुख इलाकों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया। प्रदूषण के मुख्य कारणों में धूल, पराली जलाना और प्रतिकूल मौसम शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन…
नेशनल डेस्क: दिल्ली में हाल के दिनों में मौसम की स्थिति ने एक बार फिर चिंता को जन्म दिया है। शनिवार सुबह शहर के कई हिस्सों में घना कोहरा छा गया, जिससे दृश्यता में कमी आई और ठंड की स्थिति बढ़ गई। साथ ही, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। यह स्थिति न केवल शहर के निवासियों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करती है।
वायु गुणवत्ता के आंकड़े
आनंद विहार, रोहिणी, मुंडका, द्वारका-सेक्टर 8, नरेला और जहांगीरपुरी जैसे प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक क्रमश: 334, 340, 372, 343, 328 और 353 के स्तर पर पहुँच गया। ये सभी आंकड़े ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वहां की वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब है। इसके अलावा, दिल्ली के अन्य क्षेत्रों जैसे भीकाजी कामा प्लेस, आईटीओ, इंडिया गेट और एम्स में AQI क्रमश: 273, 226, 251 और 253 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। शुक्रवार को, दिल्ली में शाम 4 बजे का औसत AQI 292 था, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
प्रदूषण के कारण
दिल्ली में वायु प्रदूषण के कई कारण हैं। प्रमुख कारणों में धूल, पराली जलाना, अपशिष्ट जलाना और औद्योगिक गतिविधियाँ शामिल हैं। विशेष रूप से, धूल प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है, जो न केवल वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी उत्पन्न करता है। इसके अलावा, प्रतिकूल मौसम की स्थिति, जैसे ठंडी और शुष्क हवा, प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव को रोकती है, जिससे वे हवा में अधिक समय तक बने रहते हैं और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।
हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि आनंद विहार, रोहिणी, मुंडका, और अन्य क्षेत्रों को उन 13 हॉटस्पॉट में शामिल किया गया है, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से अधिक हो गया है। इन हॉटस्पॉट्स में प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए प्रत्येक स्थान पर समन्वय समितियाँ बनाई गई हैं।
सरकारी उपाय और पहल
दिल्ली सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-1 (GRAP-1) लागू किया है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है। GRAP के पहले चरण में निर्माण स्थलों पर धूल को कम करने, उचित अपशिष्ट प्रबंधन और नियमित सड़क सफाई जैसे उपाय शामिल हैं। इसके अंतर्गत, हॉटस्पॉट क्षेत्रों में 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन स्थापित की गई हैं, जो हवा में धूल और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेंगी। मंत्री राय ने कहा कि इन उपायों के जरिए शहर में वायु गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
नागरिकों की भूमिका
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शहर के निवासियों से अपील की है कि वे पटाखे जलाने से बचें और वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए जितना संभव हो सके कारपूलिंग करें। यह न केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी है, बल्कि सामूहिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। सभी नागरिकों को इस दिशा में जागरूक रहना होगा, ताकि हम एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बना सकें।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की श्रेणियाँ
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के स्तर को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि हम अपनी स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को उचित रूप से नियोजित कर सकें। AQI की श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
– 0 से 50: अच्छा
– 51 से 100: संतोषजनक
– 101 से 200: मध्यम
– 201 से 300: खराब
– 301 से 400: बहुत खराब
– 401 से 500: गंभीर
दिल्ली की मौजूदा स्थिति यह दर्शाती है कि हमें तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि हम अपने शहर को एक साफ और स्वस्थ जगह बना सकें। प्रदूषण की इस स्थिति को रोकने के लिए जागरूकता, सामूहिक जिम्मेदारी और सख्त उपायों की आवश्यकता है।