राधा स्वामी सत्संग डेरे, ब्यास, के अनुयायियों द्वारा एक अद्वितीय सेवा का उदाहरण जालंधर के पास स्थित गांव प्रतापपुरा में देखने को मिला। डेरे के सत्संग घरों की बढ़ती संख्या के चलते, गांव प्रतापपुरा में एक नया सत्संग घर स्थापित किया जा रहा है, जिसके…
नेशनल डेस्क: राधा स्वामी सत्संग डेरे, ब्यास, के अनुयायियों द्वारा एक अद्वितीय सेवा का उदाहरण जालंधर के पास स्थित गांव प्रतापपुरा में देखने को मिला। डेरे के सत्संग घरों की बढ़ती संख्या के चलते, गांव प्रतापपुरा में एक नया सत्संग घर स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए 3.5 एकड़ जमीन ली गई है। इस भूमि की बाउंड्री वॉल बनाने का कार्य शनिवार को पूरा किया गया, और इस काम को एक ही दिन में यानि सिर्फ 12 घंटे में ही अंजाम देकर सेवादारों ने सेवा और अनुशासन की मिसाल पेश की।
सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 2000 से अधिक सेवादारों ने इस कार्य में अपना योगदान दिया। इस दौरान सेवादारों के चेहरों पर सेवा की खुशी और समर्पण साफ दिखाई दे रहा था। स्थानीय लोग इस समर्पण को देखकर आश्चर्यचकित थे, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर बाउंड्री वॉल का काम एक दिन में पूरा करना एक बड़ा काम था। संगत की सेवा भावना और अनुशासन को देखकर सभी प्रभावित हुए।
बता दें कि बाबा गुरिंदर सिंह जी के सत्संग कार्यक्रम के सवाल-जवाब के प्रोग्राम के दौरान भी जब एक शख्स ने सेवा पर सवाल किया तो बाबा जी ने जवाब देते हुए कहा था कि ‘मेरे सेवादारां वरगां इस दुनिया में कोई नहीं है…’ ऐसे में उस शख्स ने भी जवाब दिया था कि हमारे बाबा जी जैसा भी कोई नहीं…। इतना ही नहीं बाबा जी अकसर अपने सेवादारों के लिए हमेशा तत्पर रहे है जहां भी सेवा हो वहां बाबा जी दर्शन के लिए जाते है और एक बार उन्होंने अपने सवाल-जवाब में कहा भी था वह अपने सेवादारों को दुनिया की किसी भी चीज़ से नहीं बांट सकते।
उल्लेखनीय है कि राधा स्वामी डेरे की संगत में सेवा का महत्व अत्यधिक है। कोरोना महामारी के दौरान भी, डेरे ने सेवा की अनूठी मिसाल पेश की थी। लंगर से लेकर पार्किंग और मेडिकल सुविधाओं तक, हर चीज की विस्तृत और व्यवस्थित व्यवस्था की गई थी। डेरे में इस तरह की सेवाओं और अनुशासन की तारीफ हर ओर की जाती है, और यह अपने आप में एक प्रेरणा है।