उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के मार्गों पर ढाबों व रेहड़ी विक्रेताओं को नाम अनिवार्य लिखने का नियम लागू होने के बाद यमुनानगर में भी हिंदू संघर्ष समिति ने इस बारे में आवाज बुलंद की है। हिंदू संघर्ष समिति की ओर से सोमवार (22 जुलाई) को विधायक घनश्याम दास अरोड़ा को ज्ञापन दिया गया।
जिसमें मांग की गई कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के प्रावधान के तहत दुकानों पर असली मालिक का नाम लिखवाया जाए।
क्या कहता है खाद्य सुरक्षा अधिनियम?
उत्तर प्रदेश सरकार ने जबसे कांवड़ यात्रा के मार्गों पर ढाबों व रेहड़ी विक्रेताओं का नाम लिखना अनिवार्य किया है तभी से ये मामला सुर्खियों में है। हालांकि, खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत भी सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों पर उनके मालिकों के नाम, GST नंबर लिखना अनिवार्य होता है। इस अधिनियम में ‘जागो ग्राहक जागो’योजना के तहत नोटिस बोर्ड पर मूल्य सूची लगाने का भी प्रावधान है।
पूरे प्रदेश में नियम लागू करने की हुई मांग
यमुनानगर में भी हिंदू संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि श्रावण मास एवं कांवड़ यात्रा के मद्देनजर कांवड़ यात्रा की पवित्रता व सामाजिक सौहार्द के चलते खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के स्पष्ट प्रविधान के अनुरूप सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों पर उनके असल मालिकों का नाम व जीएसटी पंजीकरण लाइसेंस का नंबर लिखा होना अनिवार्य है।