पेरिस ओलंपिक में भारत का परचम लहराने वाले खिलाड़ियों के लिए केंद्र सरकार के साथ उनके राज्य सरकारों ने भी करोड़ों रुपए इनाम का ऐलान किया है. मनु भाकर को खेल मंत्री मनसुख मंडाविया की तरफ से 30 लाख रुपए कैश दिया गया. वहीं हरियाणा सरकार ने 5 करोड़ रुपए का ऐलान किया है.
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के अलावा 5 एथलीट्स ने भारत का परचम लहराया. मनु भाकर ने जहां 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते, वहीं हॉकी टीम, अमन सहरावत, सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले ने एक-एक ब्रॉन्ज अपने नाम किया. इसके अलावा नीरज चोपड़ा ने एक देश को इकलौता सिल्वर दिलाया. पेरिस में मिली इस कामयाबी के बाद इन सभी खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हुई है. केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से इन सभी के लिए करोड़ों रुपए के इनाम का ऐलान किया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार देश के आम नागरिकों की तरह इनाम के रूप में हुई खिलाड़ियों की इस कमाई पर भी टैक्स लगाएगी या नहीं? आइये इनामी राशि और इसे लेकर टैक्स के नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
खिलाड़ियों को कितना इनाम मिला?
इनामी राशि के नियमों से पहले ये जान लेना जरूरी है कि किस खिलाड़ी कितने रुपए मिले हैं. सबसे पहले बात करते हैं मनु भाकर और नीरज चोपड़ा की. नीरज के लिए अभी तक किसी भी तरह के इनाम की घोषणा नहीं हुई है. पिछली बार हरियाणा सरकार ने उन्हें गोल्ड मेडल के लिए 6 करोड़ रुपए दिए थे. हरियाणा सरकार की स्कीम के तहत सिल्वर के लिए 4 करोड़ रुपए मिल सकते हैं. वहीं मनु भाकर को खेल मंत्री मनसुख मंडाविया की तरफ से 30 लाख रुपए कैश मिल चुका है. इसके अलावा हरियाणा सरकार की तरफ से दो ब्रॉन्ज के लिए 5 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है.
शूटिंग के मिक्स्ड इवेंट में मनु का साथ देने वाले सरबजोत सिंह को खेल मंत्रालय की तरफ से 22.5 लाख रुपए दिए गए हैं. इसके अलावा हरियाणा सरकार ने एक ब्रॉन्ज के लिए 2.5 करोड़ रुपए दिए हैं. उन्हें नौकरी का भी ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. ब्रॉन्ज जीतने वाले स्वप्निल कुसाले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ दिया है. भारतीय रेलवे ने भी उन्हें TC से प्रमोट करके OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बना दिया है.
कुसाले के अलावा रेसलिंग में ब्रॉन्ज हासिल करने वाले 21 साल के अमन सहरावत को खेल मंत्री 30 लाख रुपए दे चुके हैं. वहीं हॉकी इंडिया ने पेरिस में कारनामा करने वाली भारतीय हॉकी टीम के हर खिलाड़ी के लिए 15 लाख रुपए और सपोर्ट स्टाफ के लिए 7.5 लाख रुपए की घोषणा की है. इसके अलावा ओडिशा सरकार ने अमित रोहिदास के लिए 4 करोड़, बाकी खिलाड़ियों को 15-15 लाख और सपोर्ट स्टाफ को 10-10 लाख देने का वादा किया है. पंजाब सरकार ने भी ब्रॉन्ज जीतने वाले अपने राज्य के खिलाड़ियों के लिए 1-1 करोड़ का ऐलान किया है.
क्या खिलाड़ियों को देना पड़ेगा टैक्स?
अभी तक आपने सभी खिलाड़ियों के इनामी राशि के बारे में जाना. अब आपको बताते हैं इन पर कितना टैक्स लगेगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेस (CBDT) के नियमों के अनुसार, किसी भी ओलंपिक, कॉमनवेल्थ या एशियन गेम्स के मेडलिस्ट को मिले इनाम पर टैक्स नहीं लगता. 2014 में CBDT ने एक नोटिफिकेशन के जरिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(17A) के तहत इन टूर्नामेंट्स में मेडल जीतने वाले एथलीट्स के इनामी राशि पर टैक्स से छूट दे दी थी. हालांकि, किसी प्राइवेट पार्टी से 50 हजार से ज्यादा वैल्यू का इनाम मिलता है, तो उस पर टैक्स देना पड़ेगा.
वहीं 2018 में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 2008 ओलंपिक के गोल्ड मेडल विजेता अभिनव बिंद्रा को इनाम पर एक फैसला सुनाया था. उन्हें कुल 96 करोड़ रुपए मिले थे, जिसे लेकर ट्रिब्यूनल ने कहा था कि भारतीय शूटर को इस पर टैक्स देने से जरूरत नहीं है, क्योंकि ये पैसे उन्हें सरकार की तरफ से इनाम में मिले हैं और इन पर टैक्स से छूट है.
क्या मेडल की कीमत पर लगता है टैक्स?
ओलंपिक में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज तीन तरह के मेडल दिए जाते हैं. इन मेडल की अपनी वैल्यू है. पेरिस में तैयार किए गए गोल्ड मेडल की कीमत करीब 758 डॉलर यानी करीब 63 हजार 357 रुपए है. वहीं, सिल्वर मेडल की कीमत 250 डॉलर यानी करीब 20,890 रुपए और ब्रॉन्ज मेडल की 5 डॉलर यानी करीब 417 रुपए है.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 (2) के अनुसार, 50 हजार से ज्यादा की कीमत वाली प्रॉपर्टी पर टैक्स लगता है. इस सेक्शन में जमीन, बिल्डिंग, शेयर, सिक्योरिटीज और ज्वैलरी जैसी चीजों पर टैक्स लगाने की बात कही गई है, जो मेडल पर लागू नहीं होता है. इस तरह भारतीय खिलाड़ियों को सरकार की तरफ से मिले इनाम पर एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें इससे इनकम टैक्स एक्ट में छूट दिया गया है.